Followers

Monday, October 5, 2009

IB Students Attitudes विद्यार्थी रवैया / (For IB Students and Teachers)

                                                     Attidudes   रवैया


1. आत्मविश्वास: ( Confidence) विद्यार्थियों को सदैव अपने कार्य के प्रति आत्मविश्वासी होना चाहिए। आत्मविश्वास ही सफलता की पहचान है। आत्मविश्वासी विद्यार्थी ही जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाता है।



2. सहायक :( Cooperative) विद्यार्थियों को सदैव बिना किसी भेद-भाव के एक दूसरे का सहायक होना चाहिए। एक दूसरे की सहायता से विद्यार्थी कठिन से कठिन कार्य को भी सरल बना सकते हैं ।



3. सम्मान :(Respect)  विद्यार्थियों को सदैव दूसरों का सम्मान करते हुए ज्ञानार्जन करना चाहिए। जो विद्यार्थी सदैव दूसरों का सम्मान करते हैं ,दूसरे भी उनका उतना ही सम्मान करते हैं।



4. सहनशीलता :(Tolerance) विद्यार्थियों को सदैव अपने अंदर सहनशीलता का विकास करना चाहिए। कठिन परिस्थितियों का डटकर मुकाबला करना चाहिए। किसी भी प्रकार की असफलता से निराश न होते हुए अपने आपको मजबूत और सहनशील बनाना चाहिए।



5. स्वतंत्र :(Independence) विद्यार्थियों को सदैव अपने ज्ञान का आदान प्रदान स्वतंत्र रूप से एक -दूसरे के साथ करते रहना चाहिए। स्वतंत्र रूप से ज्ञान के आदान-प्रदान से ज्ञान में वृद्धि होती है।



6. ईमानदारी :(Integrity) एक आदर्श विद्यार्थी को सदैव ईमानदारी के साथ अपना कार्य करना चाहिए। एक ईमानदार विद्यार्थी ही अपने ज्ञान का सही उपयोग कर सकता है। विद्यार्थियों को सदैव अपने और अपने ज्ञान के प्रति ईमानदार होना चाहिए। जीवन में सदैव सत्यता के मार्ग पर चलते हुए ज्ञानार्जन करना चाहिए।



7. सहानुभूति :(Empathy) विद्यार्थियों में सहानुभूति का गुण होना बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि सहानुभूतिपूर्ण विद्यार्थी सदैव अपनी समस्याओं का समाधान एक -दूसरे के सहयोग से पा लेता है।



8. उत्सुकता :(Enthusiasm) विद्यार्थियों में सदैव नए विषय को जानने की उत्सुकता होनी चाहिए। उत्साही विद्यार्थी ही अपने ज्ञान में वृद्धि करता है।



9. रचनात्मकता : (Creativity)विद्यार्थियों को ज्ञान प्राप्ति के लिए नए-नए रचनात्मक तरीकों को निरंतर अपनाते रहना चाहिए और इस प्राप्त ज्ञान कोे रचनात्मकता के आधार पर दूसरों के सम्मुख प्रस्तुत करना चाहिए।



10. जिज्ञासा :(Curiosity) विद्यार्थियों में सदैव अज्ञात विषय को जानने की जिज्ञासा होनी चाहिए। अज्ञात विषय को ज्ञात करने से ही ज्ञान में वृद्धि होती है। विद्यार्थी को सदैव जिज्ञासु बने रहना चाहिए।





11. सराहना : (Appreciation)विद्यार्थियों को सदैव एक - दूसरे के कार्यों को समय -समय पर सराहते रहना चाहिए। सराहना से ही विद्यार्थियों में कार्य करने की क्षमता का विकास होता है, और उनके मनोबल में भी वृद्धि होती है।



12. वचनबद्धता :( Commitment) विद्यार्थियों को सदैव अपने कार्य एवं जिम्मेदारियों के प्रति वचनबद्ध रहना चाहिए। वचनबद्ध विद्यार्थी सदैव अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है।

No comments:

Post a Comment